सपने
निकले हैं सफर पर हम सब अंजान,
करोंड़ों की भीड़ में लेके एक सपना समान,
सपने है कीमती, कीमत हमने है जानी,
तभी तो उन्हें बटोरने की हमने है ठानी,
कोई सिपाही तो कोई राजा बनना चाहता हैं,
तो कोई सिर्फ दो वक्त की रोटी से,...
करोंड़ों की भीड़ में लेके एक सपना समान,
सपने है कीमती, कीमत हमने है जानी,
तभी तो उन्हें बटोरने की हमने है ठानी,
कोई सिपाही तो कोई राजा बनना चाहता हैं,
तो कोई सिर्फ दो वक्त की रोटी से,...