...

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महबूब
हौले हौले चल चंदा, ये रात सुहानी है।
महबूब मेरा, साथ लाया, रात चांदनी है।

हुस्न की तारीफ़ उसकी, मैं कैसे कहूं!
शब्दों मे कह न सकूं, वो इतनी हसीं हैं।

उसकी हँसी उसके चेहरे करते बेकाबू!
उसकी आंखों पे ये दुनिया दीवानी है।

ये आंखों की चमक ये गालों की लाली!
कुदरत की सबसे हसीन कारिस्तानी है।

तू जो साथ मेरे, फ़िर जीने में क्या कमी!
तेरे बिना मेरी ये दुनिया तो पुरी वीरानी है।

महबूब मेरे, ये महज़ पे तेरी मेहरबानी है!
ये गीत नहीं, ये तेरे अदाओं की कहानी है।
© महज़