महबूब
हौले हौले चल चंदा, ये रात सुहानी है।
महबूब मेरा, साथ लाया, रात चांदनी है।
हुस्न की तारीफ़ उसकी, मैं कैसे कहूं!
शब्दों मे कह न सकूं, वो इतनी हसीं हैं।
उसकी हँसी उसके चेहरे करते...
महबूब मेरा, साथ लाया, रात चांदनी है।
हुस्न की तारीफ़ उसकी, मैं कैसे कहूं!
शब्दों मे कह न सकूं, वो इतनी हसीं हैं।
उसकी हँसी उसके चेहरे करते...