...

2 views

कितना अच्छा होता
जो तेरे साथ वो पहली मुलाकात ना होती
नजरे मिलाकर आंखें चार ना होती

वो तेरे हसीन चेहरे का मेरी आंखों को दिद ना होती
मुस्कान वो आशिकाना तेरे चेहरे पे जो न होती

यूं तेरे बालों को झट्टके जो तू समा ना बनाती
इशारों में जो तू मेरे इश्क का किताब ना लिखती

मेरा यूं तेरे पीछे दीवाना बन ना फिरना होता
ना ही मैं एक ही पल में हजार सपने बुनता

ना तेरे साथ मैं इश्क ए सफर दिल के किताब में बयान करता
ना तेरा मुझे छोड़ के यूं जाना होता

में भी बेफिक्र मैं...