"ये चाह उठती है"
कभी-कभी बस यूं ही वर्षा में
भीगने की इच्छा हो उठती है।
भूल कर समस्त जिम्मेदारियां, बूंदो में
विलीन हो जाने की चाह उठती है।
हां हूं मैं एक परिपक्व नारी...
भीगने की इच्छा हो उठती है।
भूल कर समस्त जिम्मेदारियां, बूंदो में
विलीन हो जाने की चाह उठती है।
हां हूं मैं एक परिपक्व नारी...