में डरता हूं
कमरे में बंद होकर
में रोने से डरता हूं
जिसे पाया नहीं अभी तक
उसे खोने से डरता हूं
सुनहरा ख्वाब बन
वो मेरे ज़हन में उतरा था
जमाना हो गया आज
मगर में सोने से डरता हूं
में रोने से डरता हूं
जिसे पाया नहीं अभी तक
उसे खोने से डरता हूं
सुनहरा ख्वाब बन
वो मेरे ज़हन में उतरा था
जमाना हो गया आज
मगर में सोने से डरता हूं