...

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टूटे ख्वाब
तमाचा मारा तो तमाशा बन गई
वो इश्क़ ही है जो अधूरी हो गई
वो रोता रहा मुझमें विलीन होने को
और वक्त की मान के मजबूरी में
मै उससे दूर हो गई।

भरोसा तोड़ा गया है मेरा
मेरे पन्नों को प्यार के शब्दों से नहीं
तोला गया है रौद्र से
जो मै कभी थी नहीं ।

मुहब्बत में शायद
कभी इस्तेमाल होता नहीं
खोटी सोच में रहकर
प्यार भी शायद जचता नहीं।

वही उसने बना दिया था,
माना दोष उसका भी नहीं।
पर वो किसी और को बदले
ये तो उसका हक भी नहीं।

हा सिसकती हूं रातों में
पर चुप कराता कोई नहीं
वो आता है ख्वाबों में
मुस्कान उसकी भी दूर हो गई।
जो सपने साथ बुने थे वो भी अधूरे हो गए
वहा वो अधूरे और हम भी कहीं खो गए
कांटो सी चुभती है वो बाते उसकी
माना वो यादें भी अब हसीन हो गई
जो सुकून हुआ था कभी
वहीं आज नफरत की मिसाल बन गई।।