रिश्ते।
जबरदस्ती के बंधन को
आख़िर कब तक
निभाते हम।
खुद को चाहे हमने
बर्बाद कर दिया
पर उनको तो
आबाद कर दिया।
तोड़ दिए अब
उनसे हमने
अपने सारे रिश्ते।
© वरदान
आख़िर कब तक
निभाते हम।
खुद को चाहे हमने
बर्बाद कर दिया
पर उनको तो
आबाद कर दिया।
तोड़ दिए अब
उनसे हमने
अपने सारे रिश्ते।
© वरदान