" खुद को कोसते रहे "
सांस भी सिहर गयी,
रूह यूँ बिखर गयी,
दाग जब लगा कोई,
आत्मा निखर गयी,
दिल में लेके प्यार को,
अश्क़ों के गुबार को,
बैठकर वीराने में खुद को कोसते रहे,
शाम सुबह ढल गयी तुझको सोचते रहे।
जाने क्या यहाँ हुआ,
हर तरफ...
रूह यूँ बिखर गयी,
दाग जब लगा कोई,
आत्मा निखर गयी,
दिल में लेके प्यार को,
अश्क़ों के गुबार को,
बैठकर वीराने में खुद को कोसते रहे,
शाम सुबह ढल गयी तुझको सोचते रहे।
जाने क्या यहाँ हुआ,
हर तरफ...