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past, present ,future
बेसबरा ये दिल मेरा
मुकम्मल पनाह को तरसता था
ये किसका मकां हैं
तलिस्म से भरा हुआ सा
यहाँ ठहर जाने को जी करता हैं
नज़रे हटती ही नही अब उनके दर से
इन नज़रों को कहाँ पता था
उन्हें देखने से पहले
इस कदर वो खूबसूरत होगा
© pari
मुकम्मल पनाह को तरसता था
ये किसका मकां हैं
तलिस्म से भरा हुआ सा
यहाँ ठहर जाने को जी करता हैं
नज़रे हटती ही नही अब उनके दर से
इन नज़रों को कहाँ पता था
उन्हें देखने से पहले
इस कदर वो खूबसूरत होगा
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