उम्मीद
प्रीती करी थी तुमने ,पर प्रीती रही नही
डोर थी भाव की सुलझ सुलझ कर उलझ गई
हरकते प्यार वाली पत्थर के समान...
डोर थी भाव की सुलझ सुलझ कर उलझ गई
हरकते प्यार वाली पत्थर के समान...