...

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जीत तेरी ही होगी
हम आदत से मजबूर और तुम इबादत से मजबूर,
जीत तेरी ही होगी।
आप तारीफ कर भला मनाए,
हम कसुर बार बार करे,
जीत तेरी ही होगी।
हम बेफिकर,
तुम फिकर का ही अंदाज करे,
जीत तेरी ही होगी।
" संकेत " चाहत की पहचान तुझे भारी,
जीत तेरी ही होगी।

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