...

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वो रोज तकती थी सड़कों पर
वो रोज तकती थी सड़कों पर,
शायद किसी से मिलना था उसको,
मिलकर कुछ कहना था उसको,
शायद मन में कुछ बात थी उसके रहस्यमई,
इसीलिए कभी वो खुलकर नहीं थी हँसती,
काश वो सुनने वाला मिल जाता उसको,
जिसके लिए तकती थी वो रस्तों को घंटों,
शायद मन में राज था कोई गहरा,
दुनिया से छिपकर उसके मन में दे रहा था कोई पहरा,
किसी को देखा था उसने अपने जिंदगी के सफर में,
शायद उसके साथ वो बिताना चाहती थी पूरी जिंदगी,
लेकिन इतनी बड़ी दुनिया में वो ढूंढे उसको कहां,
क्योंकि जब देखा था उसको तो नहीं पूछा था पता।
@SUNAI2735#IMAGINATION#LOVE