...

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जीवन की त्रिवेणी
जीवन की दौड़ में, हम भागते रहते हैं,
समय की रेत में, खो जाते हैं हम।

जीवन की त्रिवेणी, भागीरथ की तरह,
हम भी धूप-छाँव, में रंगते रहते हैं।

संघर्षों की लहरों में, हम तैरते रहते हैं,
सपनों की नौका में, संग लहराते हैं।

कभी हार न मानना, जीवन की त्रिवेणी में,
साहसी होकर आगे बढ़ना, खुद को पहचानना।

जीवन की दौड़ में, त्रिवेणी बन जाना,
सपनों की उड़ान भरना, खुद को पुरा कर जाना।*
© Simrans

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