...

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ये आंखे बोलती है सैकड़ों बातें
उरोजो पर ठहरी ये निगाहें
नितम्बो पर घूरती नज़र
ऐसे कैसे तुम मर्द बनोगे
तुम से बेहतर था रावण का घर

सुरक्षा जरूरी भी है
पर आंखो से कैसे कोई बच पाएगी
ये घूरती तेरी आंख
क्या घर पर भी ऐसे ही टिक जायेगी

कोई इलाज ज़रूरी है
कोई उपाय भी जरूरी है
खुद को सुधारने की
राह भी जरूरी है



© टूटा हुआ ख़्वाब