अगर दुख ना होते...
मुश्किलें ना होती तो नहीं होती कोई सीख....
ठोकरे ना होती तो पहचान कैसे करते इंसानों की....
किस आधार पर अपना कहते किसी को....
कहानी होती बस सुने सुनाये बयानों कि
संघर्ष ना होते तो ना होती कद्र जीत की
बड़ी सफलता भी लगती भीख सी....
आसानी से मिलता सब कुछ तो हर गली में राजा होता....... सब जगह घमंड का राज होता
आँसू ना होते तो कैसे बयां करते तकलीफ को कोई नहीं तुम्हारा यकीन करता...... ख़ुशी भी सबको दिखावटी लगती कोई ना इस दर्द का हकीम होता.....
दुख ना होते तो क्यू ईश्वर को याद करते....... बिना तकलीफ कभी ना उस पर विश्वास करते......
जो भी इस दुनिया में है वो सब सही है..... इन सब कि ज़रूरत है हमें....
आज ये बाते यूँही लगती है जब क़ब्र में पैर होंगे तब याद आएगी तुझे.....
© VISHAKHA
ठोकरे ना होती तो पहचान कैसे करते इंसानों की....
किस आधार पर अपना कहते किसी को....
कहानी होती बस सुने सुनाये बयानों कि
संघर्ष ना होते तो ना होती कद्र जीत की
बड़ी सफलता भी लगती भीख सी....
आसानी से मिलता सब कुछ तो हर गली में राजा होता....... सब जगह घमंड का राज होता
आँसू ना होते तो कैसे बयां करते तकलीफ को कोई नहीं तुम्हारा यकीन करता...... ख़ुशी भी सबको दिखावटी लगती कोई ना इस दर्द का हकीम होता.....
दुख ना होते तो क्यू ईश्वर को याद करते....... बिना तकलीफ कभी ना उस पर विश्वास करते......
जो भी इस दुनिया में है वो सब सही है..... इन सब कि ज़रूरत है हमें....
आज ये बाते यूँही लगती है जब क़ब्र में पैर होंगे तब याद आएगी तुझे.....
© VISHAKHA