...

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इक ख्वाब
ख्वाब आया इक रात को ऐसा
देखा नहीं कभी हो जैसा
मैं खुश थी अपनी ही दुनिया में
ना ऑंसू थे ना कोई गम था
मायुसी का ना कोई पल था
बस खुशियाँ ही थी चारों तरफ
इक सुन्दर संसार अपना था
ना सवाल पूछे किसी से कभी
ना जवाब कोई दिया कभी
लिखती थी बस ख्याल दिल के
अपने खवाबों में खोई थी
ना जागे ना सोई थी
बस अपनी ही धुन में खोई थी
फिर आया तू पास मेरे
बस गई मैें दिल में तेरे
वादा था खुशियों का किया
जिसे तूने कभी पूरा ना किया
फिर तूने मुझको क़ैद किया
क्यूँ आजादी का वादा था दिया
ना समझना मतलबी मुझको
इक बार खुद के लिए फिर जीने दे मुझको
दिल करे की मैं उड़ जाऊँ
अब ना किसी बंधन में रह पाऊँ
साथ चलना है तो चल मेरे
या रहने दे इसी हाल में मेरे
तूने कहा था होगी आजादी
क्यो कैद किया पिंजरे में मुझे
अब और ना ऐसे जीना हैं
खुले आसमान के नीचे उड़ना हैं
इक पल को लगा हकीकत हैं
फिर नींद खुली तो ख्याल आया
की ये तो बस इक ख्वाब था आया
फिर हिम्मत थोड़ी जुटाई मैंने
फिर बगावत थोड़ी दिखाई मैंने
बस और ना कर अब कैद मुझे
आजाद रहने का हक हैं मुझे
ख्वाब को बना हकीकत मेरे लिए
कहाँ गया वो तेरा प्यार मेरे लिए
इक बार करे फिर शुरूआत नई
देखें सपने और उम्मीदें कई
साथ रहें दोनों हर पल
खूबसूरत होगा आने वाला कल
प्यार से रख मुझे अपने साथ
फिर ना हो कोई मन मुटाव
ख्वाब बस इतना सा मेरा
इक सुन्दर आशियां हो तेरा मेरा
ख्वाब बस इतना सा मेरा
इक सुन्दर आशियां हो तेरा मेरा।💞
©deepti_sood24