#भाव_अभाव
// #भाव_अभाव //
जीवन में जो पूरे करने वो है, भाव,
जो भाव रह गये अधूरे वो अभाव;
आंख थामी आशा बाकी सौभाग,
ह्रदय में गूंज रहा हौसलों का राग।
तन कोमल मगर मन मोरा मज़बूत,
ठाना ठोकनी आखिरी कील ताबूत;
चित्त ब्राह्मण ते चित मोरा राजपूत,
चल पड़े माथ मल हवनकुंड भभूत।
पर्वत...
जीवन में जो पूरे करने वो है, भाव,
जो भाव रह गये अधूरे वो अभाव;
आंख थामी आशा बाकी सौभाग,
ह्रदय में गूंज रहा हौसलों का राग।
तन कोमल मगर मन मोरा मज़बूत,
ठाना ठोकनी आखिरी कील ताबूत;
चित्त ब्राह्मण ते चित मोरा राजपूत,
चल पड़े माथ मल हवनकुंड भभूत।
पर्वत...