...

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मुस्कुरा लो
गर खुशियां संसाधनों में होती,
तो आधी आबादी खुश होती।
अगर नींद नर्म बिस्तर पर होती,
तो अमीरों की बिरादरी चैन से सोती।
गर सुकून बड़े घरों में मिल जाता,
तो हवेलियां वीरान ना होती।
जुटाते-जुटाते जिंदगी गुजर जाएगी।
जिंदगी जीने की चाह दम तोड़ जाएगी।
मुस्कुराहट की चाबी से खुशियों के ताले खोलो।
आज जितना है उसमें ही खुश हो लो।