हो जा तू तैयार
*हो जा तू तैयार*
मौके हजारों मिले तुझे, कुछ कर गुजरने के
बेकार ही गंवा दिए में, जो पल थे संवरने के
धोने थे बुराइयों के दाग़, तूने और ही बढ़ाए
बहुत पापों के बोझ, ख़ुद पर ही तूने चढ़ाए
कर सकता था पुण्य कर्म, मगर नहीं...
मौके हजारों मिले तुझे, कुछ कर गुजरने के
बेकार ही गंवा दिए में, जो पल थे संवरने के
धोने थे बुराइयों के दाग़, तूने और ही बढ़ाए
बहुत पापों के बोझ, ख़ुद पर ही तूने चढ़ाए
कर सकता था पुण्य कर्म, मगर नहीं...