...

4 views

मां और उसकी दुआ..
एक दिन सुबह देखा मैंने, दुआ को उठकर.
क्यों भटकी वह बीच धरती आकाश में लूट कर
मैंने उसे रोकना चाहा, कुछ पूछना चाहा, तो वह बोली रो कर
मत रोक मुझे, मुझे ढूंढना है अभी उसे भटक भटक कर

मैंने बोला ए दुआ, तू मत रो इस कदर
मैं बताता हूं तुझे, वह कहां मिलेगा, जिसके लिए तू भटक रही है दर बदर

दुआ ने बोला, बहुत कम सांसे बची है उसमें, मैं आई हूं दिल से जिसके
अगर खुदा नहीं मिला मुझसे, तो मर जाऊंगी मैं भी रास्ते में उसके

मैंने बोला, खुदा तो हर दिल में है, हर पत्ते हर डाल- डाल पर है, फिर भी तू क्यों भटकी धरती आकाश में लूटकर
ए दुआ, तू आई कहां से इतना मर- मर कर

दुआ ने बोला, एक मां के दिल से आई हूं, जनाजे पर उसके बेटे को छोड़कर भागी चली आई हूं

मर जाएगा वह अगर, मिली नहीं उसे...