...

4 views

मोहब्बत की सही पहचान
पवित्र रिश्ता जहां प्रेम के साथ होता है सम्मान
एक दूजे के खातिर करते हर खुशियों को कुर्बान
जहां पाने की कोई लिप्सा ना हो ना खोने का डर
हार या जीत से नहीं होती मोहब्बत की सही पहचान

दो जिस्म बस नाम के, दोनों में बसती एक ही जान
हाथ थामे साथ पार करते कठिन से कठिन इम्तिहान
मिलन हो या जुदाई, फिर भी चाहत कम ना होती
विश्वास के बंधन से होती मोहब्बत की सही पहचान

जहां जिस्मानी जरूरत नहीं, ना करते प्यार बदनाम
भेदभाव नहीं दिल में, ना मन में कोई भी अभिमान
एक निष्ठा, दृढ़ विश्वास जहां कोई छल कपट नहीं
त्याग, समर्पण से होती मोहब्बत की सही पहचान
© Rashmi Kaulwar