तुम्हारा जिक्र है हरदम🍁
तुम्हारा जिक्र है हरदम
मालूम है कोई रिश्ता नहीं
फिर भी फ़िक्र है हरदम
कैसे कह दूं वास्ता नहीं अब
अच्छा सा लगता...
मालूम है कोई रिश्ता नहीं
फिर भी फ़िक्र है हरदम
कैसे कह दूं वास्ता नहीं अब
अच्छा सा लगता...