...

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एक कशिश🧿🖤
मैं रहती हूँ तन्हा, शांत और परेशान
पर चाहती हूँ मैं कि मेरी सारी परेशानियों का अब हल हो जाए,
अगर नहीं है समाधान मेरी समस्याओं का तो,
बस अब जीना ना पङे कुछ ऐसा हो जाए
माँ की आँखों की नमी देखकर आत्महत्या करने की हिम्मत नहीं है मुझमें,
हे प्रभु कुछ ऐसा कर कि मेरे साथ कोई हादसा हो जाए
नहीं लगता है मन मेरा , किसी से मिलने या मिलाने में
मैं अपने बन्द कमरे की उस चादर के पीछे घुट घुट कर रोई हूँ
बस अब मन नहीं करता कि दुबारा से वो नौबत आ जाए
बस कुछ ऐसा हो कि वो चादर अब चादर ना रहे
मेरी रूह जिंदगी भर की नींद का आदी बन , सफेद कफ़न ओढ़ कर सो जाए
मैं जानती हूँ मैं अपनों में हस रही हूँ पर खुश नहीं हूँ लेकिन वो मुझसे
उम्मीदें लगाए बैठे हैं
पर इन रिश्तों के गणित को समझने या समझाने का अब मन नहीं करता
अपनों की खुशियाँ को मिटा कर आत्महत्या करने की हिम्मत नहीं है मुझमें,
हे प्रभु कुछ ऐसा कर कि मेरे साथ कोई हादसा हो जाए
जज़्बाती लङकी❤
जज़्बातो का शब्दालय🧿❤