जिंदगी के उतार - चढ़ाव (भाग-2)
कभी लगता है ये सब खत्म हो जाए काश ये एक खेल हो,
कभी लगता है क्या है इसके बाहर सब यहीं है काश ये सब कभी खत्म ना हो।
कितनी रंग - बेरंग है जिंदगी,
कभी शोला तो कभी सबनम है ज़िंदगी।
कभी दिल चाहता है छोड इसे हो जाएं कहीं विलीन,
तो कभी दिल कहता है जिंदगी है कितनी हसीन।
असमंजस में है दिल के अच्छी है या...
कभी लगता है क्या है इसके बाहर सब यहीं है काश ये सब कभी खत्म ना हो।
कितनी रंग - बेरंग है जिंदगी,
कभी शोला तो कभी सबनम है ज़िंदगी।
कभी दिल चाहता है छोड इसे हो जाएं कहीं विलीन,
तो कभी दिल कहता है जिंदगी है कितनी हसीन।
असमंजस में है दिल के अच्छी है या...