...

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ए मेरे हमसफर
एक सपना जो
रातों की नींद उड़ा दे,
चल मेरे हमसफर
हासिल करना है,
तुझे बोहोत कुछ ।।१।।

कदम कदम से
पहला कदम,
पर्वत से
जो सागर तक,
चलना है तुझे ।।२।।

कठोर कठोर
तू बनते जा,
बाधाओं से गुजरते जा
हलका तू होते जा,
आसमान में जो उड़ना है तुझे।।३।।

तानों को नतिजों में
बदलके चलना है तुझे,
ये मंजिलों को
हासिल करना है तुझे,
ए मेरे हमसफर ।।४।।

ना हटना हैं , ना रुकना है
तूझे तो लक्ष की ओर बढ़ना है,
मत सोच ये लोगों की बातों को
ये तो समय के साथ बदलनी है,
तुझको तो सूरज की तरह चमकना है ।।५।।

मुश्किल है पर कठोर नहीं
ये सफर तो तेरा है,
ए मेरे हमसफर;
ए मेरे हमसफर ।।६।।
#writco
Written By Piyush Padwal
© Piyush Padwal