...

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बस में नहीं जज्बात
बस में नहीं जज्बात हमारे ,कैसे रहे हम बिन तुम्हारे।
अब तुम ही बता दो हमको ,क्या हम नहीं है तुम्हारे।

बस में नहीं जज्बात है ,ऊपर से हो रही बरसात है।
यह सोच रही हूँ ,कैसे होगी फिर तुमसे मुलाकात है।

तुम्हारे दीदार करने की ,हसरत इस दिल में...