अब त्योहारों में वो बात नहीं,
अब त्योहारों में वो बात नहीं,
पहले जैसी अब मेल मोहब्बत नहीं,
पहले कोई करता न भेद भाव था,
अब बिन स्वार्थ...
पहले जैसी अब मेल मोहब्बत नहीं,
पहले कोई करता न भेद भाव था,
अब बिन स्वार्थ...