उमीद ॥
खोजने से मिल जाता है उमीद
जो बंद कमरे में छुपा है कहीं
डर सा है मन में छूकर खो न जाए कहीं
जीलेंगे चुहे बिना लेकिन खुद से नज़र मिलेंगे कैसे अभी ।
एक उमीद है उसका हाथ पकड़ना बिना डर
लेकिन समाज को है इस...
जो बंद कमरे में छुपा है कहीं
डर सा है मन में छूकर खो न जाए कहीं
जीलेंगे चुहे बिना लेकिन खुद से नज़र मिलेंगे कैसे अभी ।
एक उमीद है उसका हाथ पकड़ना बिना डर
लेकिन समाज को है इस...