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रामलला घर आएँ
रामलला घर आएँ
रामलला घर आएं
मैं खुशियां मनाऊंगी
गीत सुना बड़े प्यारे, मैं छम-छम नाचूंगी।।
घर-आंगन को अपने सजाकर
मैं दीप जलाऊंगी
स्वादिष्ट पकवान बना, मैं उसको खिलाऊंगी
रामलला घर आएं।।
झील सी आँखें मुख बड़ा सुंदर
निर्निमेष निहारूंगी
लॉरी सुना उसे प्यारी, मैं रोज सुलाऊंगी
रामलला घर आएं।।
शर-चाप उसे हाथ में देकर
सर मुकुट पहनाऊंगी
वस्त्र नए पहनाकर, मैं रोज सजाऊंगी
रामलला घर आएं।।
रामलला घर आएं
मैं खुशियां मनाऊंगी
गीत सुना बड़े प्यारे, मैं छम-छम नाचूंगी।।
रामलला घर आएं
मैं खुशियां मनाऊंगी
गीत सुना बड़े प्यारे, मैं छम-छम नाचूंगी।।
घर-आंगन को अपने सजाकर
मैं दीप जलाऊंगी
स्वादिष्ट पकवान बना, मैं उसको खिलाऊंगी
रामलला घर आएं।।
झील सी आँखें मुख बड़ा सुंदर
निर्निमेष निहारूंगी
लॉरी सुना उसे प्यारी, मैं रोज सुलाऊंगी
रामलला घर आएं।।
शर-चाप उसे हाथ में देकर
सर मुकुट पहनाऊंगी
वस्त्र नए पहनाकर, मैं रोज सजाऊंगी
रामलला घर आएं।।
रामलला घर आएं
मैं खुशियां मनाऊंगी
गीत सुना बड़े प्यारे, मैं छम-छम नाचूंगी।।
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