...

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आस की फसलें
रुई से अहसास,
रहें संग तलक श्वास।
कोमल, कठोर,
काश कर पायें कभी ग़ौर।

जीने का हैं सबब,
हौसलों से हों लबालब।
उम्मीदों को जगायें,...