...

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तुम.... 🌷🌷
मन के अँधेरे में ,
दिन का उजाला हो तुम..
मेरे ख़ाली हाथों को,
रब का प्यारा तोहफ़ा हो तुम
चमक मेरी बालियों की,
मेरे गजरे की मतवाली महक हो तुम..
धड़कन इस नादां दिल की,
इन आँखों का काजल हो तुम
मिटाए न मिटे दिल से,
वो शोख रंगत हो तुम
होकर दूर कितने भी,
रहते हमेशा हमारे दिल में हो तुम
न कोई वजह जीने की,
बस इन साँसों का जरिया हो तुम..
रब भी जाने ये कि.,
तुझमें ही हूँ मैं और
मुझमे हो तुम..
© Jyoti Kanaujiya