" मेरी प्रिय "
तू बहती नदी की धारा सी
मैं ठहरा सरोवर का नीर प्रिय
तू सावन की रिमझिम बौछार सी
मैं भादो का नीरस फकीर प्रिय
तू गुलाब की कोमल पंखुड़ी...
मैं ठहरा सरोवर का नीर प्रिय
तू सावन की रिमझिम बौछार सी
मैं भादो का नीरस फकीर प्रिय
तू गुलाब की कोमल पंखुड़ी...