मुस्कुराती सुबह
सुबह उठते सूरज से मिले
गिले सिकवे उससे ही कहे
फिर गौर से उसको देख रहे
वो चमचमाता सा हर पल रहे
इनके जहन में ये सवाल रहे
ये सूरज क्यू इतना खुश दिखे
फिर नजरे उठा ये पूछने चले
नजरे मिलाने की हिम्मत ना हो
झुकी नजर सूरज से कहे क्यू
मेरी...
गिले सिकवे उससे ही कहे
फिर गौर से उसको देख रहे
वो चमचमाता सा हर पल रहे
इनके जहन में ये सवाल रहे
ये सूरज क्यू इतना खुश दिखे
फिर नजरे उठा ये पूछने चले
नजरे मिलाने की हिम्मत ना हो
झुकी नजर सूरज से कहे क्यू
मेरी...