वास्तविकता
अनुभव के अनुसार
वह अपने वास्तविक रूप
खुद बना सकते हैं।
जो वास्तविकता सीखना चाहेगा
उसे ही संसार के यह हर पल का
वास्तविक स्वरूप या प्रवाह
जरूर देखने मिलता है
इसमें अनंत रूट और बहाव है
जो प्रतिरूप हमसे एक रूप होते रहते हैं।
प्रकृति
वह अपने वास्तविक रूप
खुद बना सकते हैं।
जो वास्तविकता सीखना चाहेगा
उसे ही संसार के यह हर पल का
वास्तविक स्वरूप या प्रवाह
जरूर देखने मिलता है
इसमें अनंत रूट और बहाव है
जो प्रतिरूप हमसे एक रूप होते रहते हैं।
प्रकृति