तेरी मुरली
कान्हा तेरी मुरली, मधुर बाजे बोल
यमुना के तट पर, यह गूंजे चारों ओर
गोपिका के मन की, बनी है चितचोर
मुरली ऐसे बाजे , जैसे वनमा नाचे मोर।।
सात सुरों के संगम से,...
यमुना के तट पर, यह गूंजे चारों ओर
गोपिका के मन की, बनी है चितचोर
मुरली ऐसे बाजे , जैसे वनमा नाचे मोर।।
सात सुरों के संगम से,...