बहुत कम लोग समझेंगे
ख़फ़ा क्यों है यहाँ मौसम बहुत कम लोग समझेंगे
तुम्हारे दर्द का आ़लम बहुत कम लोग समझेगें
हँसे क्यों हो सबब इसका हर इक दिल जान जाएगा
हुई क्यों हैं निगाहें नम बहुत कम लोग समझेंगे
तुम्हारे घर की ख़ुशियों में ये ह़िस्सा बाँट खाएँगे
तुम्हारा ग़म...
तुम्हारे दर्द का आ़लम बहुत कम लोग समझेगें
हँसे क्यों हो सबब इसका हर इक दिल जान जाएगा
हुई क्यों हैं निगाहें नम बहुत कम लोग समझेंगे
तुम्हारे घर की ख़ुशियों में ये ह़िस्सा बाँट खाएँगे
तुम्हारा ग़म...