ए अश्क़
ए अश्क़,
गर रोने से वो मिले
तो बेशक रुला मुझे
हर कतरा हर घुट
बरसा कर पीला मुझे
आँखों को बादल बना लूँ
तू बारिश दिला मुझे
कोई मंज़र कोई यादें
अश्क़ों से दिखा मुझे
मैं अश्क़ों से भीग जाऊ
न मिले पनाह मुझे
मैं रात दिन बहाऊ तुझे
बस उनसे मिला मुझे
© Roshan Rajveer
गर रोने से वो मिले
तो बेशक रुला मुझे
हर कतरा हर घुट
बरसा कर पीला मुझे
आँखों को बादल बना लूँ
तू बारिश दिला मुझे
कोई मंज़र कोई यादें
अश्क़ों से दिखा मुझे
मैं अश्क़ों से भीग जाऊ
न मिले पनाह मुझे
मैं रात दिन बहाऊ तुझे
बस उनसे मिला मुझे
© Roshan Rajveer