...

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जियो और जीने दो 🌷
सोच बदल सकती है दुनिया,
दुनिया को सोच बदलने का हक नहीं,
ख़ुश रहना और सबको ख़ुश रखना
ज़िम्मेदारी है खुद की...
किसी और की बातें गर विचलित करें ,
सोचो कमी है किसकी!!
अपने जीवन में मस्त रहो, व्यस्त रहो,
ना किसी का बुरा सोचो, ना कहो...
नियति सबकी अपनी-अपनी,
इस पर बस कहां चली किसकी…
फिर किस बात की उलझन,
क्यों शिकवा किसी से,
ख़ुश रहो, खुश रखो.m
क्यों बोझिल बनायें जीवन,
ख़ुशी हो या गम,
सब रंग मिल के बने ये गुलशन...
खामोशी किसी के लिए भारी,
कोई खामोशी से जिये ज़िन्दगी,
जीने का सालिका सबका अलग,
एक जैसे हो सब रंग,
इंद्रधनुष क्या फबेगा कभी....
गर हो बेपरवाह दुनिया की सोच से,
ज़िंदगी जीने का मज़ा तभी!!
© @mishti86