ताज ….छू ले चाहता है हर कोई तुम्हें
ताज….
छू लेना चाहता है
हर कोई
ताज के शिखर को
अपनी
दो उँगलियों के पोरों से
मानो
वो आज
छू लेना चाहता हो
हर उस बुलंदी को
जिसे
छू पाना
कल तलक...
छू लेना चाहता है
हर कोई
ताज के शिखर को
अपनी
दो उँगलियों के पोरों से
मानो
वो आज
छू लेना चाहता हो
हर उस बुलंदी को
जिसे
छू पाना
कल तलक...