"घड़ी की टिक टिक"
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यह घड़ी की टिक टिक, मुझे बहुत पसंद आती है,
यह मुझे अपने संग,
चलना सिखाती है,
यह घड़ी की टिक टिक मुझे,
बहुत पसंद आती है।।
यह मुझे अधूरे ख्वाबों के बीच ले जाती है,
सूनी रातों में मुझे लोरी सुनाती है,
मीठे गीतों से दिल की तन्हाई भी मिटाती है,
यह घड़ी की टिक टिक……….।।
नरम कांटों पर अपने मुझको सैर कराती है,
गिरता हूं तो ध्वनि से संबल दिलाती है,
उठकर चलने का विश्वास जगाती है,
गति, संयम और धैर्य भी सिखाती है,
यह घड़ी की टिक टिक,
मुझे बहुत पसंद आती है।।
-प्रकाश गोविन्द