सावन
आज हवा कुछ अलग चली,
पत्ते एक ज़रे से उठे,
पेड़ो की शाखाएं कुछ ऐसी जुली,
आसमान में जैसे कोई युद्ध की घोषणा हो रही हो,
एक बुंद गिरी,
तब इस तपती जननी पे,
सब थम सा गया,
जैसे इस जननी को एक आराम सा मिला हो,
वैसे ही इस सावन की पहली वर्षा हुई,
बच्चे खिलखिलाते खेलते है, भीगते है, इस बारिश में,
लोग चलते है, वाहन चलते है,
सब थम सा गया,
धीरे धीरे बारिश की बूंदे बंद हुई,
तब आसमान को देखा तो ऐसा लगा,
जैसे किसीने कारीगरी की हो,
फिर से वही चहेल पहेल शुरू,
और हम इंतज़ार में कि कब,
फिर से सावन में बारिश हो।।
-Feel through words✨
© Feel_through_words
पत्ते एक ज़रे से उठे,
पेड़ो की शाखाएं कुछ ऐसी जुली,
आसमान में जैसे कोई युद्ध की घोषणा हो रही हो,
एक बुंद गिरी,
तब इस तपती जननी पे,
सब थम सा गया,
जैसे इस जननी को एक आराम सा मिला हो,
वैसे ही इस सावन की पहली वर्षा हुई,
बच्चे खिलखिलाते खेलते है, भीगते है, इस बारिश में,
लोग चलते है, वाहन चलते है,
सब थम सा गया,
धीरे धीरे बारिश की बूंदे बंद हुई,
तब आसमान को देखा तो ऐसा लगा,
जैसे किसीने कारीगरी की हो,
फिर से वही चहेल पहेल शुरू,
और हम इंतज़ार में कि कब,
फिर से सावन में बारिश हो।।
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