...

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ताज़ा अशआर
कुछ ताज़ा अशआर ~

मेरी शोहरत का इंतिजाम करो।
तोहमतें सारी मेरे नाम करो।

ज़ख्म फ़िर से कुरेद दो मेरे,
फ़िर से जीना मेरा हराम करो

दर्द दोगे जो हंस के सह लूंगा,
अब तो किस्सा ही तुम तमाम करो।

तेगबाज़ी से कौन डरता है,
आप तो सीधा क़त्ल ए आम करो।

साधुओं में भी सादगी न रही,
तुम भी अब थोड़ा तामझाम करो।

चाहते हो तुम्हें सुना जाए,
जम के दुनिया में कोहराम करो।

ख़ुद शराफ़त के मुखौटे पहनो,
अपने गुर्गों को बेलगाम करो।
© इन्दु