मुसाफिर
इस बार ना मिले तो फिर किसी और ज़माने में मिलेंगे सनम
जब कभी फिर टकराएंगे तो कहेंगे उस ज़माने से हम
छूट जाए शाम‐ओ‐शहर की खुशियाँ हमसे पर न...
जब कभी फिर टकराएंगे तो कहेंगे उस ज़माने से हम
छूट जाए शाम‐ओ‐शहर की खुशियाँ हमसे पर न...