...

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आखिर कब तक
कायनात में सब नक्षत्र समय के इतने पाबंद क्यों है?
सूर्य के इर्द गिर्द घूमता अनुशासित ब्रह्मांड क्यों है?

पैसे की अंधी दौड़ के पीछे हर तरफ इतनी दीवानगी क्यों है?
कारोबार में राजनीति और राजनीति में हावी कारोबार क्यों है?

हम इस कदर बेबस,लाचार,खुद से ठगे से क्यों है?
कुछ ना बोलने की राह, ना सुनने...