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प्यासी थी मैं
प्यासी थी मैं
लेकिन कोई किनारा ना मिला
सपना था कुछ कर दिखाने का
लेकिन कोई सहारा ना मिला
चलना था मंजिल की ओर
लेकिन कोई रास्ता ना मिला
आसमान में उड़ना था मुझे
लेकिन कोई परिंदा ना मिला
जिंदगी खुल कर जीना चाहती थी मैं
लेकिन जिंदगी जीने का कोई सुकून ना मिला
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