...

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प्रिय बचपन
#स्मृति_कविता

बचपन मेरा बड़ा निराला ,
बहुत ही सुंदर ,बहुत ही प्यारा ,
मीठी बचपन की कुछ यादें,
ऐसी ,जो हम भूल न पाते ,

बीता बचपन मेरा वहां ,
जन्नत जैसा लगता जहां,
हरियाली और फूलों के बाग,
और देखो चूल्हे की आग,

नन्ही सी थी जब से मुझको,
याद वहां की हर एक बात,
नहीं भुलाई जा सकती हैं,
बचपन की ये मीठी याद,

अंगुली पकड़कर मां -दादी संग,
खेतों में तब मेरा जाना,
कभी ठुमककर चलना खेतों...