...

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मुझे नहीं पता by Rajeev
मुझे नहीं पता आज सा तुम्हें कल भी
मुझसे मोहब्बत रहेगी या नहीं
तुम्हारे रेशमी जुल्फों को संवारने की
मुझे कल इजाजत रहेगी या नहीं
मुझे नही पता ....
मुझे तो बस आज का गुमान है
मेरा तो बस आज पे ध्यान है
क्योंकि आज तो तुम मेरी हो सिर्फ मेरी
तुम्हारी आंखो में मेरा ख़्वाब है
तुम्हारी किताबों में मेरा गुलाब है
तुम्हारे खयाल में मेरा जिक्र है हरदम
तुम्हारे दिल में मेरा फिक्र है हरदम
अरे कल को छोड़ो...
तेरे लब पे मेरी हरदम बात तो है
आज तुम्हारा यारा साथ तो है
आज के हिस्से को क्यों न जी भरकर जिएं
क्यों बेकार में कल में उलझे
हां अपनी कहानी का भी अंजाम वही होगा
जैसा हर प्रेम कहानियों का होता है
सिद्दत की चाहत का नांव अक्सर
धर्म - जात के मझधार में डुब जाता है
घरवालों को मनाने की कोशिश हमारी बेकार जायेगी
मैं तुमको तुम मुझको ....हार जाएगी
हमको छोड़कर अपना समाज रख लेगी
अपने मां बाप का कुछ यूं लाज रख लेगी
फिर तुम्हारी शादी का रस्म अदा हो जायेगी
अपने पापा के पसंदीदा लड़के के साथ तू विदा हो जायेगी ,
हां कुछ महीने तक तेरा दिल भी मेरे लिए तड़पेगा जरूर
फिर इस नई दुनिया के रंगो में रंगने को दिल तैयार हो ही जायेगा
रकीब के साथ रहते -रहते ..
धीरे धीरे उस लड़के से तुम्हें प्यार हो ही जायेगा
इधर मैं भी कुछ सालों तक तड़पुंगा - तरसूंगा
अंत में इस दुनिया के जिम्मेदारी में मैं भी घुल जाऊंगा
तुम मुझको भूल जायेगी
मैं तुमको भूल जाऊंगा
खैर ये रही कल की बात ,
आज तो तुम मेरे हबीब हो
कल की दूरी , कल सोचेंगे
आज तो तुम मेरे करीब हो
आ करीब ओर जरा तुझे जी भरके जी लूं
तेरे सोहबत की बारिशों को जी भरके पी लूं
गालों को चूम लूं __ बिखरी जुल्फें संवार लूं
तेरी आँखों को पढ़कर अपने गीतों में उतार लूं
__जाने कब ये सोहबात की शाम बीत जाए
हमारी मुहब्बत हार जाए दुनिया जीत जाए
© Rajeev Ranjan