आशना
फूलों से लहराना सीखा होगा
कलियों से शरमाना,
बेबाक हवा सी झलकियां,
सतरंग सुहानी आशना,
उस आशना को देखूं तो,
हर ग़म से कोसों दूर मिलूं,
उन लाल गुलाब के होठों से,
ख़ुद के दिल का मैं स्वाद चखूं,
कानों की बाली तो देखी बहुत,
मैं तो उनके ख़म पे निसार हुं,
उस आशना की आंखों में,
मैं गिरता हुं फिर संभलता हुं,
ऐसी दिलकश अदाओं की,
वो मालकिन निराली है,
उससे बनी, जुड़ी और निखरी,
मेरे इश्क़ की कहानी है
© Pavan
कलियों से शरमाना,
बेबाक हवा सी झलकियां,
सतरंग सुहानी आशना,
उस आशना को देखूं तो,
हर ग़म से कोसों दूर मिलूं,
उन लाल गुलाब के होठों से,
ख़ुद के दिल का मैं स्वाद चखूं,
कानों की बाली तो देखी बहुत,
मैं तो उनके ख़म पे निसार हुं,
उस आशना की आंखों में,
मैं गिरता हुं फिर संभलता हुं,
ऐसी दिलकश अदाओं की,
वो मालकिन निराली है,
उससे बनी, जुड़ी और निखरी,
मेरे इश्क़ की कहानी है
© Pavan