वक़्त.....
ख्यालों में मुनासिब हर इक बात हो मुमकिन नहीं होता,
दूर रह कर कहे कसमो वादों का कोई वजूद नहीं होता
हमसे हर घड़ी का पर्दा उनका, दूर जाना तय था शायद
इतना पास आ कर तो दूर जाया नहीं जाता
© कृतिका जोशी
दूर रह कर कहे कसमो वादों का कोई वजूद नहीं होता
हमसे हर घड़ी का पर्दा उनका, दूर जाना तय था शायद
इतना पास आ कर तो दूर जाया नहीं जाता
© कृतिका जोशी