दादो कय अपनी बेटी सी.
कुछ छु कर गुजर गयी, वो यादे पुरानी थी
जो आखो मे रह गयी ,वो अधूरी कहानी थी
मंजर ही कुछ खुशनुमा रहता था यारो,
वो हमारी दोस्ती नही ,पूरी जिंदगानी थी 😇😇😇😇😇😇😇😇😇😇😇
© All Rights Reserved
जो आखो मे रह गयी ,वो अधूरी कहानी थी
मंजर ही कुछ खुशनुमा रहता था यारो,
वो हमारी दोस्ती नही ,पूरी जिंदगानी थी 😇😇😇😇😇😇😇😇😇😇😇
© All Rights Reserved